नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर (महाराष्ट्र) में एक मराठी देशस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हेडगेवार ने 1925 में आरएसएस की स्थापना करने से पहले स्वतंत्रता-पूर्व भारत के अशांत काल के दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाया। उनका दृष्टिकोण हिंदू समुदाय को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण के लिए एकजुट करना था, जो अंततः राष्ट्र की पूर्ण स्वतंत्रता और एकता की दिशा में काम करना था।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हेडगेवार के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से युवाओं में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और राष्ट्र प्रथम की भावना का प्रसार करने वाले परम पूज्य डॉ. हेडगेवार ने मां भारती के स्वाभिमान की रक्षा हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए डॉ. हेडगेवार ने जिस आरएसएस रूपी बीज को बोया था, वह आज वटवृक्ष बनकर सेवा, समर्पण और राष्ट्रनिष्ठा का प्रतीक बन गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक एवं प्रथम सरसंघचालक स्वर्गीय डॉ. हेडगेवार की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।"
केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने भी हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
नितिन गडकरी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती (तिथि अनुसार) पर उन्हें कोटि-कोटि अभिवादन।"
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर नागपुर स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने हेडगेवार और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवलकर को समर्पित स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
यह पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया है। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी थे।